दरिद्रता में फंसे व्यक्ति का मन विचलित होने के कारण एकाग्र नहीं हो पाता, साथ भी मन भी स्थिर नहीं होता। उसमें इतना आत्मविश्वास नहीं होता कि अपने मन को नियंत्रित कर सके। इसलिए आत्मविश्वास को बनाने और मन को काबू करने के लिए आर्थिक कठिनाई में व्यक्ति को
"रवि मंत्र " का
अनुष्ठान करना चाहिए। दरिद्रता से मुक्ति के लिए
"रवि मंत्र " का
जाप सबसे सरल साधन हैं। इसके साथ लक्ष्मी व कुबेर मंत्र का भी अनुष्ठान करें, इससे आर्थिक स्थिति मजबूत होती हैं।
"रवि मंत्र " दरिद्र व्यक्ति के लिए जहां अौषधि है , वहीं लक्ष्मी और कुबेर मंत्र टॉनिक।
दरिद्रता नाशक रवि मंत्र : ॐ ह्रं घृणि सूर्य आदित्यः श्रीं।
समृद्धिदायक लक्ष्मी मंत्र :
1. श्रीं ह्रीँ क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा।
2. ॐ श्रीं ह्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः।
3. ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः।
4. ॐ श्रीं श्रीयै नमः।
कुबेर यंत्र : ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय, धन धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।
यह देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर का अमोघ मंत्र हैं।
माँ लक्ष्मी भगवान श्रीविष्णु के बगैर कहीं नहीं रहती, इसलिए उनकी मूर्ति के साथ श्रीविष्णु की तस्वीर या मूर्ति अवश्य रखें। इसके अलावा माँ लक्ष्मी के साथ गणेशजी की मूर्ति भी स्थापित करें। इसके बाद ही पूजा प्रारंभ करें। तभी माँ लक्ष्मी का वहाँ स्थायी वास होता हैं। इनको लाल फूल विशेष प्रिय हैं, विशेषकर कमल। कमल का फूल न मिले, तो आप लक्ष्मी पूजन में कमलगट्टे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।